भावाअशिप - शुष्क वन अनुसंधान संस्थान

भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद्
(पर्यावरण, वन मंत्रालय एवं जलवायु परिवर्तन ,भारत सरकार)
 

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श्री नरेंद्र मोदी
(माननीय प्रधानमंत्री)
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श्री भूपेंद्र यादव
(माननीय मंत्री, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय)
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श्री कीर्तिवर्धन सिंह
(माननीय राज्य मंत्री, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय)
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श्रीमती कंचन देवी, भा.व.से.
(महानिदेशक, भा.वा.अ.शि.प.)

संरचना


भावाअशिप - शुष्क वन अनुसंधान संस्थान, जोधपुर (राजस्थान) भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्तशासी निकाय, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, देहरादून (ICFRE) ,के आठ संस्थानों में से एक है। वानिकी अनुसंधान से सम्बध्द इस संस्थान का उद्देष्य वानिकी और संबंधित क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान कर उत्पादकता और वानस्पतिक क्षेत्र में वृध्दि करना, जैव विविधता का संरक्षण् करना तथा संस्थान के निर्धारित कार्य क्षेत्रों राजस्थान, गुजरात, दादरा और नागर हवेली के गर्म शुष्क और अर्ध्द शुष्क क्षेत्रों में स्थानीय आवश्यकताओं हेतु प्रौद्योगिकी का विकास करना है। संस्थान परिसर न्यू पाली रोड, जोधपुर पर 66 हैक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।

अधिदेश - (Mandate)

  • शुष्क तथा अर्धशुष्क क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए वनों का  वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ संधारणीय प्रबंधन करते हुए वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा को बढ़ाना।
  • राष्ट्रीय और क्षेत्रीय महत्व तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के विषय में निर्णय लेने में केंद्र तथा राज्य सरकारों को वैज्ञानिक सलाह प्रदान कर सहायता करना तथा वानिकी अनुसंधान की  आवश्यकताओं से अवगत कराना।
  • शुष्क तथा अर्धशुष्क वनस्पति उत्पादकता को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के लिए जैव विविधता संरक्षण,संवर्धन व जैव प्रौद्योगिकी पर बल देते हुए वानिकी में अनुसंधान करना।
  • राज्यों,वन विभागों,वन आधारित उद्योगों,वृक्ष व अकाष्ठ वनोपज उपजाने वाले तथा अन्य पणधारियों को वन संसाधनों के संरक्षण एवं संधारणीय उपयोग के लिए उनके वानिकी आधारित कार्यक्रमों हेतु तकनीकी सहायता एवं सामग्री प्रदान करना।
  • मरु प्रसार रोक एवं अवक्रमित पारितंत्र के पुनः स्थापन हेतु तकनीक विकसित करना।
  • अकाष्ठ वनोपज़ के संधारणीय संसाधन उपयोग में मूल्य संवर्धन आधारित अनुसंधान करना।
  • नवीन विस्तार नीतियों और क्षमता विकास कार्यक्रमों के माध्यम से अंतिम प्रयोक्ताओं के साथ  उपयुक्त तकनीक सांझा करना तथा उनका प्रचार-प्रसार करना ।
  • विशेष रूप से शुष्क व अर्ध-शुष्क क्षेत्रों के संबंध में पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन से संबन्धित ज्ञान संग्रहक  के रूप में कार्य करना।
  • परिषद के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु सभी आवश्यक, प्रासंगिक व कल्याणकारी  गतिविधियों को संचालित करने की ज़िम्मेदारी लेना।

भावअशिप-शुवअसं भर्ती 2023-24


निदेशक का संदेश



    (डॉ. तरुण कान्त)

शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (आफरी) की ओर से, मैं संस्थान की वेबसाइट पर आपका गर्मजोशी से स्वागत करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ । आफरी का शुष्क और अर्ध-शुष्क वानिकी अनुसंधान.... आगे देखे»

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